Thursday, 15 December 2016



               “जीबाणु मूक्त पानी”
                श्री देबाशिस दाशगुप्त
ऊपर की चित्र पानी को शूरज की रोशनी से शुद्ध करने की उपाय दर्शाया गियाएक अमूल्य दूध की हारा रंग की डब्बा,ऊसके ढाकना मे एक-डेर ईची की तीन छिद्र है जिसके साथ तीन लेंस लगाया हुया। एही ढकनी के ऊपर दो सेलफ़िन पेपर एक लाल और एक नील एकसाथ करके धकाहुया।डब्बा मे एक टैप लगयागिया पानी निकालने के लिए। जब इस डब्बा को जल भरके ढकनी लागाके सूरज की रोशनी मे एक-देर घंटा राखने के बाद जल को ठंडा करके पीने सेकता॥ कारण डब्बा की रंग हारा होने की कारण पानी मे मिलहूया शेउला (alga-moss) की  Photosynthesis  बंध होजायेगा साथ मे नया उत्पादन भी नेही होगा। और सेलोफिन पेरर लाल-नील एकसाथ होनेसे बेगनी रंग की सूरज रोशनी पानी पे लेंस के माध्यम से तेज होके गिरेगा-जिस कारण ताप और बेगनी रंग के लिए जीबाणु इया किटाणु भी खतम हो जाएगा॥ इसको बनाने मे ख़रच-डब्बा-35/-,लेंस 3x12=36, पेपर 4/-,फेविकुइक 5/-,नल 25/-,कुल मिलके 105/- रुपेया॥   

[कृपाया मेरा लेख “A Story Of Latest Scientific Discovery”à “ASOLSD” Google Search,,Facebook,,Twitter,,Blog,, आउर ओन्य साइट पर पडे ] 

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